सबकुछ अच्छा बुरा सजीव निर्जीव, इश्क़ नफरत सब पर लिखूगां - बनारसी

लिखूंगा, आज लिखूंगा धर्म पर, अधर्म पर, राम पर, रावण पर, हार पर, जीत पर, शोषित पर, वंचित पर , दलित पर, बुद्ध पर, जैन पर, दर्शन पर, हिन्दू पर, मुस्लिम पर, गर्व पर , अहंकार पर, उम्मीद पर, निराशा पर, शत्रु पर, मित्र पर, गरीब पर, अमीर पर, कृष्ण पर, कंस पर, ज्ञान पर, अज्ञान पर, विज्ञान पर। आज लिखूंगा मैं दुनिया की हर विधा पर, हर बात पर, हर सोच पर। आज लिखूंगा मैं ।

लिखूगां उस शहर के उन उस इन्सान के बारे में जो खुद के बच्ची होते हुये भी दूसरी लड़कियों को गिद्ध की नजर से देखता है ।


लिखूंगा तरसती आँखों में बसती उस भूख के बारे में जिसे होटल का मालिक खाना फेंकते हुए भगा देता है। लिखूंगा उन आँखों के बारे जो किसी माँ को दूध पिलाता हुआ देखकर अश्लील हो जाती है। लिखूंगा आज उस कचरे के डिब्बे में नवजात भूर्ण को फेंकते हुए आदमी के बारे में जो अपने बच्चे की खरोच पर भाग चला जाता है। लिखूंगा आज उस आदमी की मनोस्तिथि पर जो हिरोशिमा पर बम गिराने के बाद आत्महत्या कर लेता है। लिखूंगा आज उस मजहबी कट्टर नेता पर जो अपने बच्चे के खातिर कभी चादर चढ़ाने मस्जिद जाता है तो कभी घर में महामृत्युंजय की पूजा करवाता है। लिखूंगा आज, लिखूंगा आज उस सोच पर जो कहता है बुद्ध मेरे हैं, राम तेरे हैं, हजरत किसके हैं । लिखूंगा आज उस नशेड़ी लड़के पर जो खड़ा चौराहे पर लड़कियां छेड़ता है और कोई उसकी बहिन को उठा ले जाता है। लिखूंगा आज उस चिलम पीते बाबा पर जो दारु पीकर मोक्ष का ज्ञान देता है। लिखूंगा आज उस मौलवी पर जो काफिरों पर भड़का हुआ है और इलाज़ कराने एक काफ़िर के पास जाता है। लिखूंगा आज उस औरत पर भूख से बिलखता देख अपने बच्चे का दम घोट देती है। लिखूंगा आज उस वेश्या पर जो हजारों सुहागरात मनाने पर भी कुवारी रहती है और महज़ मांग के सिंदूर के लिए तरसती है । लिखूंगा आज उस मिडिल क्लास आदमी पर जो अपने परिवार के खातिर अपनी ख्वाहिशों का दम घोट देता है। लिखूंगा आज उस इश्क़ पर जिसमे केवल सेक्स बसता है जो एक बार सम्पूर्ण होने पर डीएम तोड़ देता है। लिखूंगा आज उस लड़की पर जो बिन ब्याहे माँ बन बैठी है और समाज के डर से बच्चे को रात में मंदिर रख आती है। लिखूंगा आज उस किन्नर की आँखों का दर्द जो हर शादी में। दुआ देने जाती है और सोचती है काश मेरी भी शादी हो पाती। लिखूंगा आज उस अनाथ पर जो जीवन भर बस प्रेम पाकर ही फूट पड़ता है। लिखूंगा आज उस टीवी पर बैठे पत्रकार पर जो अपना देश बेच रहा है। लिखूंगा आज उस आदमी की जरूरत पर जो अफीम की खेती करता है और नशा नहीं करता । लिखूंगा आज उस सितारे पर जो बाकियों को कीड़े मौकोडों की तरह रोड पर रौंद डालता है । लिखूंगा आज उस हुजूम पर जो निकलता है उस जेहादी के मरने पर मातम मनाने जो हजारो लाशों का गुनहगार है ।

लिखूंगा आज उस माँ पर जो कभी बीवी में दिखती है,कभी बहन में,कभी दोस्त में तो कभी हृदय में। लिखूंगा आज उस विज्ञान के बारे में जो रहस्य दर रहस्य बतलाता चला जा रहा है बस ये नहीं बता पा रहा की मानव मस्तिष्क में क्या चल रहा। लिखूंगा आज उस कुपोषित बच्चे के बारे में जिसके इलाज की जगह उसके कुपोषण का स्तर नापा जा रहा। लिखूंगा कृष्ण के उपदेशों पर जो यमुना में किसी गंदे नाले की तरह बहा दिया जा रहा । लिखूंगा उन धर्मांधों के बारे में जिन्होंने धर्मयुद्ध छेड़ रखा है। लिखूंगा उस रावण पर जो धनुष बाण ताने खड़ा है एक रावण को जलाने रामलीला मैदान में। लिखूंगा उस बलात्कारी पर जो किसी की कोख उजाड़ कर किसी की कोख बदनाम कर देता है । लिखूंगा उस शर्म पर जो खुलेआम मूतते पुरषों को देखकर महिलाओं और बच्चों के चेहरे पर आ जाती है। लिखूंगा उस हीनता पर जो दिखावे के लिए किसी दरिद्र के घर का पानी पीता और आधे घंटे तक मुहं को रगड़ता रहता है । लिखूंगा आज उस कष्ट पर जो अपने ही देश में अपनी भाषा में नौकरी नहीं पाता । लिखूंगा आज उस साहूकार पर पैसे के बदले आज भी इज़्ज़त की फरमाइश करता है ।

लिखूंगा आज उस औरत के कौमार्य पर जो दूध का गिलास लेकर सुहागरात की सेज पर जा रही। लिखूंगा आज उस व्यक्ति पर जो सड़क पर गिर पड़े बुजुर्ग को उठाने दौड़ पड़ता है । लिखूंगा आज उस राधा पर जो कृष्ण के प्रेम में मीरा बन बैठी है। लिखूंगा आज उस प्रेमी जोड़े पर जो साथ में मरने के पहले एक दुसरे को चूमना चाहता है। लिखूंगा आज बड़े बड़े शहरों की बड़ी बड़ी बिल्डिंग में लटकी हुई जिंदगी पर। लिखूंगा आज मेट्रो में भीड़ देखकर लड़कियों से सटते अधेड़ उम्र के बुद्धों के बारे में। लिखूंगा आज उस अपाहिज के बारे में सोने का मैडल लटकाये देश लौट रहा है। लिखूंगा आज उस माँ के बारे में जो अपने शहीद लड़के की मूर्ती को उसके जन्मदिवस पर साफ़ करने आती है। लिखूंगा आज स्वाभिमान के बारे में जो मेनहत से रोटी कमा कर खुश है। लिखूंगा आज उस औरत के बारे में जो अपने कम दिमाग के पति से प्रेम करके पतिव्रता धर्म का पालन करती है। लिखूंगा आज उस क्षेत्रवाद पर जो देश से पहले क्षेत्र विशेष को मानता है । लिखूंगा आज उस गांधी पर सत्य पर नहीं काली कमाई पर पसंद किया जाता है। लिखूंगा आज उस आदमी पर जो मुर्दाघर से लावारिश लाश को लेकर उनका दाह संस्कार करता है। लिखूंगा आज उस लड़के पर जो अंजान सी लड़की को सही सलामत उसके घर छोड़ने जाता है। लिखूंगा आज इश्क़ करते हुए नए जोड़े को जो तकरार का मतलब नहीं जानते। लिखूंगा आज इश्क़ की किताब जिसमे कहानी होगी किसी और के इश्क़ की।

सबकुछ अच्छा बुरा सजीव निर्जीव, इश्क़ नफरत सब पर लिखूगां ...

...बस...आज तुम पर नहीं लिखूगां ...



इसे भी पढ़े :  जिंदगी में हाथ छुड़ा कर जाने वाले लौटकर नहीं आते..


Er. Ritesh Kumar Bhanu

Ritesh Kumar Bhanu is an India-based influencer, digital marketer, blogger, and founder of Tech Ritesh Insight. He started his journey in digital marketing and blogging at the young age of 16, learning various blogging strategies and tactics. Over time, he became a successful blogger and digital marketing expert.

Post a Comment

Previous Post Next Post