आज भी बस, पूरी शाम से पता नहीं, कितना सफर कर चुके, पर सामने नहीं देखा, बस चांद को चलते देखा है....

Ritesh Kumar Bhanu - #Pic2020

सुनो! सुन रही हो न!

इक अरसे बाद आज फिर से सफर में हूं....तुम जानती हो जब सफर में होता हूं, तो तुम पूरे वक्त याद आती रहती हो... गाड़ी तेजी से भागती है, लेकिन मेरी जिंदगी जैसे कुछ वक्त के लिए थम सी जाती है....

तुम्हें याद है  लड़की? 

कुछ साल पहले ऐसे ही एक सफर में था, फोन के रिंगटोन बजी, (हमनवा मेरे तू है तो मेरी सांसें चलें)

अननॉन नंबर था, तो मैंने कहा, हेलो कौन??

"अरे! मैं हूं!❤️❤️ कितने प्यार और अपनेपन से कहा था तुमने... ओह! तुम! पहली बार फोन पर आवाज सुनी तुम्हारी, इसलिए पहचान नहीं पाया..

फिर उस शाम कितनी ही देर हम दोनों...बातें करते रहे थे.. यूं कहो, कि तुम बिना रुके, बिना थके कितना कुछ कहे जा रही थी.... मैं बस कार की विंडो से सर टिकाए, बाहर झांकते हुए, ऊपर आसमान में चांद को चलते देख रहा था...

फिर जब पूरे आधे घंटे बाद जब तुमने पूछा?? "तुम कुछ सुनाओ, चुप क्यों हो, गुमसुम से?""

मैं बस हौले से हंस दिया था, और इतना ही कहा था...

"तुम बोलने दो तब न😀" 

"ओह! इतनी देर से मैं बोलती ही जा रही हूं, मुझे याद ही नहीं रहा, कि तुमसे कुछ पूछूं" शरमाते हुए तुमने कहा। तुमने टोका क्यूं नहीं???

मैंने कहा....."तुम जिंदगी भर बोलती रहो, मैं सुनता रहूंगा.... यूं ही, खिड़की से सर टिकाए"❤️❤️❤️

जानती हो, ये आदत जिंदगी भर के लिए हो गई है अब, जब भी किसी सफर में होता हूं, सांझ होते ही आंखे ऊपर आसमान में चांद को तलाश करती हैं, फिर वह पूरे सफर गाड़ी के साथ साथ चलता था......

मुसाफिर चांद!! यही तो नाम दिया था तुमने मुझे, और मैंने तुम्हें भोर का तारा कहना शुरू किया था...❤️

आज जब सांझ हुई, तो आदतन मैंने खिड़की से बाहर देखा, चांद वैसे ही मेरे साथ साथ चल रहा था.... जेहन में तुम्हारी यादें भी वैसे ही.....कानों में तुम्हारी आवाज भी बिलकुल उसी तरह....जज्बातों के रास्ते दिल में बहुत गहरे उतरते हुए...

दुनिया की रिवायत है, हम जब साथ होते हैं, तो इतनी यादें बना लेते हैं, जो जिंदगी भर जीने के काम आती हैं....तुम्हें तो पता है, हर रोज ही तुम्हें कुछ न कुछ लिखता हूं, भेजता नहीं पर.......और सुनो, यहां अपराजित की दुनिया में कितने ही प्यारे दोस्त उन एहसासों को पढ़ते हैं, सुनते हैं, जीते हैं...कितने सारे लोग तुम्हें जानने लगे हैं, नाम से नहीं.... इमोशंस से...मेरे शब्दों में बनती तुम्हारी तस्वीर से.....तसव्वुर से....❤️❤️

आज भी बस, पूरी शाम से पता नहीं, कितना सफर कर चुके, पर सामने नहीं देखा, बस चांद को चलते देखा है....

बस खिड़की से सर टिकाए...तुम्हें सोचा है...

तुम्हारी चंचल बातें याद की हैं....तुम्हारी मासूमियत भी..

वो सारे सॉन्ग सुने हैं, जो हम साथ साथ सुनते थे....


सुनो! एक वादा करो पगलो! 

जिंदगी के पूरे सफर में.....बस यूं ही याद आती रहना...बिना चुप हुए बोलती रहना...अपने इस मुसाफिर चांद को भोर के तारा बनाकर जरूर मिलना....

जरूर मिलना....ढेर सारी मोहब्बतें...ढेर सारा प्यार।।

❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️



Er. Ritesh Kumar Bhanu

Ritesh Kumar Bhanu is an India-based influencer, digital marketer, blogger, and founder of Tech Ritesh Insight. He started his journey in digital marketing and blogging at the young age of 16, learning various blogging strategies and tactics. Over time, he became a successful blogger and digital marketing expert.

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