लड़कियाँ खुल के हँस नहीं सकतीं
लड़के खुल के रो नहीं सकते
दहेज़ न लाने वाली लड़की का
मान नहीं हो सकता
सरकारी नौकरी के बगैर लड़के की
क़दर नहीं हो सकती
मुस्कुराइये,
आप तथाकथित खुले विचारों वाले
समाज में रहते हैं।
- प्रिया दीक्षित
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तू अपनी खूबियाँ ढूँढ
ख़ामियाँ निकालने के लिए लोग हैं न !
अगर रखना है कदम तो आगे रख
पीछे खींचने के लिए लोग हैं न !
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एक दिन धधको नहीं, तिल-तिल जलो,
नित्य कुछ मिटते हुए बढ़ते चलो ।
पूर्णता पर आ चुका जब नाश हो,
जान लो, आराध्य के तुम पास हो।
- दिनकर
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