अब तो आप समझ ही गए होंगे कि मैं किस ब्रांड की गाडी की बात कर रहा हूँ ...

 ये गाडी का ऐसा ब्रांड है जो कि सबसे आम ब्रांड माना जाता है .दुनिया में अमूमन हरेक के पास यह गाडी होती है .कुछ अभागे भी होते हैं जो इस गाडी का आनंद नहीं उठा पाते हैं ...हाँ , उन्हें अभागा ही कहूँगा क्योंकि इस गाडी की सवारी बड़ी ही मजेदार होती है और वे इस सवारी से वंचित रह गए हैं ....दुनिया की एक मात्र ऐसी गाडी है यह जो कि दो ड्राइवरों से ही चलती है ....इस गाडी में चूँकि दो ड्राइवरों का होना नितांत आवश्यक है इसलिए इसका चुनाव भी ड्राइवरों की योग्यता को देख कर ही किया जाता है ...कई बार ड्राइवर आपस में ही अपनी योग्यता देख कर इस गाडी में सवार हो जाते है तो कई बार उन ड्राइवरों के घर वाले उनके लिए दूसरे ड्राइवर का चुनाव करते हैं ..... जब चुनाव घर वाले करते हैं तब कई बार तो यह गाडी सहजता से उपलब्ध हो जाती है पर कई बार दूसरे ड्राईवर को बहुत ऊंचे दाम में खरीदा जाता है ..... 

यही एक मात्र ऐसी गाडी है जिसमे पहले से ड्राइविंग नहीं सीखी जा सकती क्योंकि इस प्रकार की गाडी अपने में विशेष होती है व इसी प्रकार की दूसरी गाड़ियों से हर गाडी कुछ भिन्न होती है .....इस गाडी की सवारी करने के बाद ही ड्राइवरों को लाइसेंस प्राप्त होता है .....आजकल कई लोग बिना लाइसेंस के इस प्रकार की गाडी चलाने की कोशिश करते हैं जो कि कभी तो सही चल जाती है कभी फ़ैल हो जाती है .......अतः इस गाडी को सिर्फ और सिर्फ दोनों ड्राइवरों की आपसी समझ बूझ से ही चलाया जा सकता है  

इस किस्म की गाड़ियाँ किसी भी रस्ते पर और किसी भी मौसम में चलने के लिए सक्षम होती हैं बशर्ते दोनों ड्राईवर आपसी सलाह कर इसे चला रहे हों अन्यथा ये गाडी कई बार थोड़े से भी उबड़ खाबड़ रास्ते पर भी टूट सकती है .... 

अब बात करें इसमें सवारी करने वाले मुसाफिरों की.....

इस गाडी में कभी कभी तो मुसाफिर अनायास ही प्रवेश कर जाते हैं और ड्राइवरों को पता भी नहीं चलता कि वे आकर बैठ भी गए हैं ...कई बार जब ड्राइवर निष्ठुर होते हैं तो उन मुसाफिरों को पूरी तरह बैठने के पहले ही उतार देते हैं ....कई बार ड्राइवर प्रतीक्षा में ही रह जाते हैं कि कोई मुसाफिर आये और उनकी गाडी में सवारी करे ....कभी कभी उनकी प्रतीक्षा रंग लाती है और कई बार नहीं .....पर अधिकतर ड्राइवरों को वे मुसाफिर उनके ही मनचाहे मुकाम पर मिल जाते हैं ....अब मुसाफिरों की रक्षा का ,उनकी देखभाल का और अन्य प्रकार का उत्तरदायित्व भी इन्ही ड्राइवरों के कंधे पर होता है ....फिर एक समय आता है जब मुसाफिर स्वयं इस गाडी को चलाने के योग्य हो जाते हैं और अपनी नयी गाडी में सवार हो जाते हैं ....

 

इस गाडी की एक खासियत यह भी है कि दिनोदिन यह मजबूत होती जाती है बशर्ते इसकी डेंटिंग , पेंटिंग और सर्विसिंग टाइम टू टाइम होती रहे और इसमें ईंधन की कभी कमी न हो ....मेरा मानना है कि अमूमन 10 से 15 साल तक दोनों ड्राइवर अगर इस गाडी को यदि रोते -झींकते हुए भी चला लें तो फिर यह फर्राटे से दौड़ने लग जाती है....... तब इसे ऑटो पाइलट पर भी डाला जा सकता है..........

इस गाडी की अंतिम अवस्था तब आ जाती है जब कोई सा भी एक ड्राइवर दूसरे का साथ छोड़ कर चला जाता है....कई बार जब ड्राइवर असमय ही साथ छोड़ जाता है तो दूसरे ड्राईवर को एक और ड्राइवर की ज़रुरत महसूस होती है और वह अपने लिए दूसरा ड्राइवर तलाशता है पर कई बार एक ही ड्राइवर इस गाडी को दूसरे ड्राईवर की यादों के सहारे चलाने की कोशिश करते हुए अंत में इस गाडी से उतर जाता है और वह गाडी फिर बंद हो जाती है ....

अब तो आप समझ ही गए होंगे कि मैं किस ब्रांड की गाडी की बात कर रहा हूँ ...

जी हाँ ....इस ब्रांड का नाम है "गृहस्थी "

तो दोस्तों बताएं कि यह गाडी अनोखी है कि नहीं ?

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Er. Ritesh Kumar Bhanu

Ritesh Kumar Bhanu is an India-based influencer, digital marketer, blogger, and founder of Tech Ritesh Insight. He started his journey in digital marketing and blogging at the young age of 16, learning various blogging strategies and tactics. Over time, he became a successful blogger and digital marketing expert.

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